सोमवार, 6 जुलाई 2009

जरा संभल के बाबा

बाबा जरा सम्भल के क्यों की भारत में सनातन के महत्व को ऋषि मुनियों ने जाना पुरे का पुरा समझा अगर वो दूसरो को न समझा पाते तो आजके समाज में राम देव जेसे आसाराम सरीखे धर्म गुरु पैदा ही नही होते स्म्लेंगिकता की बहस में कम से कम धर्म गुरु हिसा ही नही लेते जेसे राम देव आज कल टी.वी पर छाए हुए हें ,ऊखल में सर दे जुटे खा रहे हें ऐसे घटिया लोग सिर्फ सनातन धर्म के अपमान हेतु ही जन्मलेतेऔर मर जाते हें श्री मन १००८ जगत गुरु शंकराचारिए ने तो मुह खोला नही बाबा उनसे भी उपर के सनातन धर्म के ठेकेदार बन बेठे समाज को इश्वर के दिखाए मार्ग पर यदि चलने की शिक्षा इन के द्वारा दी गई होती तो आज कोई न्याएयाले सनातन धर्म को अपमानित न करता भारत सरकार जो सभी धर्मों को आदर देने की बात कहती हे सनातन धर्म में बदती कुरीतियों को बडावा दे कभी भी सनातन धर्म को अपमानित न होने देती सनातन धर्म के अनुसार सूर्य के समान सभी काम (उदय-अस्त)अपने समयानुसार ही होते आज महात्मा गाँधी के कहे बोलों (ईशवर आल्हा तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान -हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सब आपस में भाई - भाई )कहने की पुनः नोबत ही न आई होती क्यों की हिंदू -मुस्लिम -सिख -इसाई चारों धर्म उसी परमेश्वर के द्वारा बनाए गये सनातन धर्म हें और चारों धर्म एक सी ही शिक्षा देते हे आज भी चारों धर्म गे -लिसबिन को सनातन के ठेके दार बन हो हला कर रहे हें परन्तु सरकार नये धर्मो को सुरक्षा दे सनातन धर्म को ही दबाने के प्रयास में दिखती हे जब -जब धर्म की हानि होती हे तब्- sनातं पुरूष अवतरित हो पुनः सनातन धर्म की स्थापना कर ते हें राम देव नाम होने से राम तो हो नही जाता जोकुछ हो रहा हे रामजी की इछा अनुसार ही हो रहा हे लोग सनातन धर्म को मिटा कर नित्य नये-नये धर्मों की स्थापना सनातन पुरूष राम के देश में कर रहे हें और सरकारें न्याए उन्ही के पक्छ में करती जा रही हें यह भूल कर की १०० सुनार की १ लुहारकी इस लिए जरा सम्भल के बाबा

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