जरा सम्भाल के चलो
शुक्रवार, 24 जुलाई 2009
न्याय जरा सम्भलके
सविनय निवेदन आज को सुधोरो भविष्य ख़ुद ही सुधर जाए गा आज का लिया फेसला कल के भविष्य का कर्म बनने वाला हे सतर्क रहें
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